साल 1979 विश्व कप में नहीं खेले तो भारत एक भी मैच नहीं जीता

नई दिल्ली। जब बात साल 1983 और उस साल हुए वर्ल्ड कप की आती है तो अपने आप कपिल देव का ट्रॉफी हाथों में उठाने वाला पल आंखों के सामने आकार ले रहा होता है। 1975 से बार बार वर्ल्ड कप जीत रही वेस्ट इंडीज़ की टीम के हाथों से ट्रॉफी जीतने वाला भारत ही था जिसने वेस्ट इंडीज़ की चल रही इस परंपरा को तोड़ा था। लेकिन कपिल देव के अलावा कोई और भी था जिसने उस साल भारत के पहले मैच में वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ 89 रन बनाकर जीत की शुरूआत कराते हुए भारत का मुकाबले में मनोबल बढ़ाया। उस खिलाड़ी का नाम था यशपाल शर्मा। दुर्भाग्यवशन 66 वर्षीय यशपाल शर्मा अब हमारे बीच नहीं है और मंगलवार सुबह दिल का दोरा पड़ने से उनका निधन हो गया।

1975 के विश्वकप में पवेलियन में ही बैठे रहे यशपाल शर्मा
साल 1978 में अपने करियर की शुरूआत करने वाले यशपाल शर्मा को 1979 के वर्ल्ड कप में पवेलियन से बाहर आने का मौका ही नहीं मिला।
भारतीय टीम इस विश्व कप मुकाबले में एक भी मैच नहीं जीत पाई।
1983 वर्ल्ड कप के हीरो थे शर्मा
1983 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ जीत के साथ शुरुआत की। इसमें शर्मा की अहम भूमिका थी। जब वह क्रीज पर उतरे तो टीम का स्कोर तीन विकेट पर 76 रन था जो जल्द ही पांच विकेट पर 141 रन हो गया। शर्मा ने 120 गेंद पर 89 रन की पारी खेली। उन्होंने अच्छे शॉट तो लगाए ही साथ ही विकेट के बीच अच्छी दौड़ भी लगाई।

भारत को फाइनल में पहुँचाने वाले यशपाल ही थे।
यशपाल शर्मा ने 83 विश्वकप मुकाबले के सेमी-फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ हाफ सेंचुरी जड़ी जिसकी बदौलत भारतीय टीम आगे फाइनल खेली। मुश्किल हालात में खेली गई उनकी यह 61 रन की पारी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक है। शर्मा ने उस मुकाबले में 34.28 के औसत से 240 रन बनाए।